रज़िया मिर्ज़ा का आदाब ..रज़िया राज़हर दिल की यह चाहत है कि चहु ओर अमन कायम हो-फिर आखिर वो कौन हैं जो अमन कायम नहीं होने देते, चैन से रहने नहीं देते…समीर लाल (उड़नतश्तरी ) आज अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें" की छठी पेशकश. आज मिलिए पूजा शर्मा जी से जो ख्यालों को बेहतरीन अंदाज़ मैं कलमबंद करने मैं
पेश ए खिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की आठवीं पेशकश ब्लॉगजगत की शान एक सुलझा हुआ इंसान ..
पेश ए खिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की चौथी पेशकश ...राजेन्द्र स्वर्णकार बीकानेर से कुछ इस तरह से "अमन का पैग़ाम दे रहे हैं… ये दो भाव पुष्प अर्पण कर रहा हूँ , अगर अगर आप सबको पसंद आये तो खुशकिस्मत मानूंगा अपने को ----शांति और भाईचारे की आज पुरे विश्व को ज़रुरत है पेश ए खिदमत है इस्मत जैदी "शेफा कजगांवी " अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की तीसरी पेशकश… बनारस से मेरा बहुत ही गहरा रिश्ता रहा है. सुबहे बनारस दशाश्वमेघ घाट पे बैठ के देखना मेरा शौक रहा है. आज अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की पांचवी श्रेणी मैं पेश हैं ...देवेन्द्र पाण्डेय जी बनारस से
पेश ए खिदमत है "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें की सातवीं पेशकश..हर दिल अज़ीज़ .......तारकेश्वर गिरि काश ये कोशिश कामयाब हो और जो नफरत और खुदगर्ज़ी की गुलामी कर रहे हैं, भाईचारे और मोहब्बत की आजाद दुनिया में जीना सीख सकें.…अंजना जी(गुडिया अमन और शांति की हवा बनाये रखने के लिये हमें अपने मन में प्रेम और परस्पर सद्भाव की मशाल जलानी होगी, जो किसी ध्रर्म से संबंधित नहीं है।
कम पढ़ा लिखा इंसान अक्सर धर्म के नाम पे की जा रही साजिशों का शिकार आसानी से हो जाया करता हैं, इसलिए आवश्यकता है, अपने ज्ञान को बढ़ाने की और खुद को इर्ष्या , द्वेष, अहंकार जैसी आत्मा की बुराईयों से आज़ाद कर के लिखने की. एस एम् मासूम | इमाम हुसैन की शहादत को नमन करते हुए हमारी ओर से श्रद्धांजलि…इस लेख़ के ज़रिये मैंने एक कोशिश की है यह बताने की के धर्म कोई भी हो जब यह राजशाही , बादशाहों, नेताओं का ग़ुलाम बन जाता है तो ज़ुल्म और नफरत फैलाता है और जब यह अपनी असल शक्ल मैं रहता है तो, पैग़ाम ए मुहब्बत "अमन का पैग़ाम " बन जाता है. |
इन लेखो को सुनने के लिए आयें इधर
शांति सन्देश देने के लिए जो भी चाहे अपने लेख़, कविता, सन्देश, अमन के पैग़ाम को भेज सकता है.लेख़ की जगह यदि आप कविता या ग़ज़ल भेज रहे हैं तो ४-५ लाइन भूमिका के अवश्य भेज दें. पहले से पेश की हुई कविता, लेख़ या ग़ज़ल भी आप भेज सकते हैं, जिनको आप की उस पोस्ट के लिंक के साथ पेश किया जाएगा.
इस ब्लॉगजगत ने इस श्रेणी "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें मैं बहुत उत्साह से भाग लिया है और अभी तक ५० से अधिक लेख़ या कविताएँ प्राप्त हो चुकी हैं. आप की मेहनत सामने लाने मैं समय तो लग सकता है लेकिन पेश अवश्य किया जाएगा. धैर्य रखें..
0 comments:
Post a Comment