अर्चना जी का "अमन के पैग़ाम" मैं योगदान काबिल ए तारीफ है. कुछ दिन पहले मैंने एक लेख़ लिखा था ,"ब्लॉगजगत एक परिवार लेकिन सावधानी हटी दुर्घटना घटी” जिसे अर्चना जी ने एक बेहतरीन अंदाज़ मैं पढके मुझे भेज दिया ,जिसको उन्होंने मिसफ़िट-सीधीबात पे भी पेश किया.
मैं अर्चना जी का आभार प्रकट करता हूँ की उन्होंने अपना कीमती समय दिया और "अमन के पैग़ाम" को आगे बढ़ाने मैं महत्वपूर्ण योगदान दिया.
आप सब भी अब यह लेख़ “ब्लॉगजगत एक परिवार सावधानी हटी दुर्घटना घटी” केवल पढ़ें ही नहीं शानदार अंदाज़ मैं सुनें भी.
शांति सन्देश देने के लिए जो भी चाहे अपने लेख़, कविता, सन्देश, अमन के पैग़ाम को भेज सकता है.लेख़ की जगह यदि आप कविता या ग़ज़ल भेज रहे हैं तो ४-५ लाइन भूमिका के अवश्य भेज दें.
लेख़ की जगह यदि आप कविता या ग़ज़ल भेज रहे हैं तो ४-५ लाइन भूमिका के अवश्य भेज दें. पहले से पेश की हुई कविता, लेख़ या ग़ज़ल भी आप भेज सकते हैं, जिनको आप की उस पोस्ट के लिंक के साथ पेश किया जाएगा.
इस ब्लॉगजगत ने इस श्रेणी "अमन के पैग़ाम पे सितारों की तरह चमकें मैं बहुत उत्साह से भाग लिया है और अभे तक ५० से अधिक लेख़ या कवितैओं प्राप्त हो चुकी हैं. आप की मेहनत सामने लाने मैं समय तो लग सकता है लेकिन पेश अवश्य किया जाएगा. धैर्य रखें..
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