आज इस ऑनलाइन के युग मैं फेस बुक ,और्कुट,टिविटर जैसी सोशल वेबसाइट पुराने दोस्तों से जुड़ने और नए दोस्त बनाने का बेहतरीन जरिया मानी जा रही है.नौजवान लड़के लड़कियों मैं तो यही होड़ लगी रहती है कि कौन कितना खूबसूरत लग रहा है? और सुंदर लगने के लिए तो फिर वैसे भी कम या तंग कपड़ों मैं तस्वीर खिंचवानी ज़रूरी हुआ करती है.
अगर आप ने भी ऐसी तस्वीर अपने किसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पे डाल रखी है तो होशियार हो जाएं. कल मैंने एक समाचार पत्र मैं पढ़ा कि ऐसी तसवीरें अक्सर ग़लत हाथों मैं पड़ जाया करती हैं और संभव है कि आपनी तस्वीर किसी के पर्सनल कंप्यूटर के डेस्कटॉप या किसी पॉर्न वेबसाइट कि शोभा बढ़ा रही हो.
सूचना के लुटेरे इन सोशल वेबसाइट पर बने अकाउंट से लड़कियों कि तसवीरें कापी कर लेते हैं फिर इन्हें किसी पॉर्न साईट को बेच देते हैं. ऐसी सीडियां ५०-८० रुपये मैं बाज़ारों मैं बिका करती हैं.
जैसा इस अखबार ने बताया वैसा यदि सच है तो आप का या आपकी बेटी का सोशल वेबसाइट पे अपनी तस्वीर डालना कितना खतरनाक हो सकता है आप स्वम समझ सकते हैं.
तस्वीर यदि डालना ही हो तो ऐसी डालें जिनका ग़लत इस्तेमाल ना हो सके. यह तसवीरें कैसी होंगी यह शायद सभी समझते हैं.
अगर आप ने भी ऐसी तस्वीर अपने किसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पे डाल रखी है तो होशियार हो जाएं. कल मैंने एक समाचार पत्र मैं पढ़ा कि ऐसी तसवीरें अक्सर ग़लत हाथों मैं पड़ जाया करती हैं और संभव है कि आपनी तस्वीर किसी के पर्सनल कंप्यूटर के डेस्कटॉप या किसी पॉर्न वेबसाइट कि शोभा बढ़ा रही हो.
सूचना के लुटेरे इन सोशल वेबसाइट पर बने अकाउंट से लड़कियों कि तसवीरें कापी कर लेते हैं फिर इन्हें किसी पॉर्न साईट को बेच देते हैं. ऐसी सीडियां ५०-८० रुपये मैं बाज़ारों मैं बिका करती हैं.
जैसा इस अखबार ने बताया वैसा यदि सच है तो आप का या आपकी बेटी का सोशल वेबसाइट पे अपनी तस्वीर डालना कितना खतरनाक हो सकता है आप स्वम समझ सकते हैं.
तस्वीर यदि डालना ही हो तो ऐसी डालें जिनका ग़लत इस्तेमाल ना हो सके. यह तसवीरें कैसी होंगी यह शायद सभी समझते हैं.
45 comments:
एक संवेदनशील मुद्दे पर आपने हमारा ध्यान आकर्षित किया है ......आपका आभार
केवल जी आज का युग बड़ा अजीब है. मैं ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके परिवार की महिलाओं तसवीरें फेस बुक इत्यादि वेबसाइट पे हैं क्या वो नहीं जानते हैं कि उन तस्वीरों का ग़लत इस्तेमाल किया जा सकता है? लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता है.ये लेख़ उनके लिए है जो अनजाने मैं ग़लती कर जाते हैं
यह तकनीक का दुरुपयोग ही तो है और नकारात्मक पहलू है इंटरनेट का!
सावधान करने के लिए शुक्रिया!
Bilkul Sahi kahan hai aapne Massom Sahab, vicharniya lekh ke liye badhai
...ham sab is baat ka dhyan rakhenge.
ग़लत लोगों के हाथ सही चीज़ भी लग जाए तो उसका इस्तेमाल भी वे ग़लत ही करते हैं जो कि सरासर हराम है लेकिन ये लोग तो किसी हराम-हलाल को नहीं मानते ।
ऐसे में एहतियात बेहतर है।
...
Aggregator से जुड़ने की जानकारी देने वाला आपका लेख शीघ्र प्रकाशित होने जा रहा है HBFI पर।
nakaratmak pahloo par bhi chintan jaruri hai abhaar ...
sahi mudde per aapne prasn uthayaa hai.soch samajh kar ladkiyon ko apni tashweeren` social website per dalanaa chahiye.nice post.
please visit ny blog .thanks.
कहां कहां बचे लोग .. हर हाथ में कैमरा है आज .. चलते फिरते ही फोटो ले लिए जाएं तो क्या करें !!
पोर्न साईट प्रतिबंधित होना चाहिए| ऐसे आदेश सुप्रीम कोर्ट भी दे चुका है| सोशल नेटवर्किंग का गलत इस्तेमाल न हो इसके उपाय होने चाहिये| तस्वीरें न लगना समाधान नहीं है|
बात आप की सही है संगीता जी लेकिन खतरे इस संसार मैं हर मोड़ पे है तो क्या जान बूझ कर खतरे मोल ले लिए जाएं?
चोर इस संसार मैं हर जगह है ना जाने कौन कब क्या चुरा ले? तो क्या घरों मैं ताला लगाना बंद कर दिया जाए?
Voice of यूथ्स @ यह तो वही बात हुई की चोरी बुरी चीज़ है, पुलिस को इनके खिलाफ सख्ती से काम लेना चाहिए घरों मैं ताला लगाना समाधान नहीं. लेकिन भाई यह सत्य नहीं. ऐसी वेबसाइट बंद होना ही चाहिए, कानून भी सख्त होना चाहिए ऐसे हैकर्स के खिलाफ लेकिन सब से पहले हम को खुद एहतियात करना चाहिए.
yae baat kewal mahila par hi nahin laagu hotee haen
tamaam purusho aur unkae baeto ki tasveerae bhi aap ko unhi web site aur cd mae miltee haen
yae ab nayaa tarikaa haen mahila ko internet sae dur karnae kaa
gender biased haen yae post
saavdhani ki jarurat sab ko haen lekin aap ko aesa sirf mahila kae liyae hi kyun lagtaa haen ??????
सजगता और सतर्कता की दरकार सबके लिए समस्त क्षेत्रों की तरह यहाँ भी.
रचना जी आप का सवाल यकीनन सही है की आप को ऐसा सिर्फ महिला के लिये ही क्यूँ लगता हैं ??????
.
हम जिस समाज मैं रहते हैं वहाँ क्या हो रहा है उसी को नज़र मैं रखते हुए किसी विषय पे बात की जाती है. महिलाओं की ही तस्वीरों का दुरूपयोग अधिक क्यों होता है? इश्तेहारों मैं महिलाओं को ही अधिक कम वस्त्रों मैं क्यों इस्तेमाल किया जता है. या देर रात अकेले घूमना महिलाओं के लिए ही अधिक खतरनाक क्यों है? यह सब भी एक सवाल हैं.
इनका जवाब शायद आप भी जानती हैं. हाँ इस बात से इनकार नहीं की बहुत से नौजवान लड़कों की तस्वीरों का भी आज के युग मैं गलत इस्तेमाल हो सकता है और यदि ऐसा है तो उनको भी एहतियात करना चाहिए.
सामाजिक व्यवस्था में सुरक्षा की बात जब भी होती हैं लड़कियों को घर के अन्दर ही रहने के लिये कहा जाता हैं ??? सामाजिक व्यवस्था को सुधारने का विकल्प नहीं लिया जाता हैं
पिछले ३ सालो में ना जाने कितने हिंदी ब्लॉग से महिला की नगन तस्वीरे मैने हटवाई हैं , कभी उनके ऊपर भी लिखते
और ये जो प्रश्न हैं की भारतीये वस्त्र पहने बड़ा ही वाहियात प्रशन हैं क्युकी सबसे ज्यादा चलने वाली साईट सविता भाभी थी जो भारतीये वस्त्रो में सजी महिला पर ही थी .
ये पोर्न साईट का धंधा बंद हो फिर चाहे पुरुषो की तस्वीरो वाली पोर्न साईट हो या स्त्री की तस्वीरो वाली
ये "बुरका अभियान " मासूमियत से चलना बंद करिये
रचना जी जिन महिलाओं को उनकी तस्वीरों के दुरूपयोग से कोई फर्क नहीं पड़ता यह लेख़ उनके लिए नहीं है. चलिए यह तो आप ने माना की बुर्का पहने युवती की तस्वीर का ग़लत इस्तेमाल नहीं होता.
रचना जी की खासियत यही है की एक आम से मुद्दे को धर्म से जोड़ दो ,अपने घरों को खोल के रखने पे ज़ोर डालना और चोरों को कोसना अक़ल्मंदी नहीं .रचना जी ऐसी वेबसाइट को रोकना बहुत ही ज़रूरी है क्यों की यह केंसर की तरह है जो समाज को भ्रष्ट कर रही हैं इसी कारण से आज की कुछ युवतीओं को अर्धनग्न तस्वीरों मैं भी कोई बुराई नज़र नहीं आती.
सजगता और सतर्कता की दरकार यहाँ भी है.
रचना जी आपने कहा "पिछले ३ सालो में ना जाने कितने हिंदी ब्लॉग से महिला की नगन तस्वीरे मैने हटवाई हैं "हकीकत मैं यह काम सराहनीय है. मुझे पता होता तो अवश्य एक लेख़ लिखता. जल्द इसी मुद्दे पे लिखूंगा.
पहली बात बुरका पहनना धर्म से सम्बंधित कहावत नहीं हैं क्युकी किसी भी चीज़ को जब जबरदस्ती से ढंकने के लिये कहा जाता हैं तो बुरका शब्द उदहारण स्वरुप लिया जाता हैं क्युकी मुस्लिम महिला इस बुर्के से आजादी की लड़ाई सदियों से लड़ रही हैं
दूसरी बात भारतीये कपडे पहनने से सुरक्षा ये प्रशन क्यूँ पूछा जबकि संविधान कुछ भी पहनने की आज़ादी देता हैं
जैसा गैर जिम्म्देदाराना आलेख आप ने लिखा हैं आज की लडकियां इन्ही सब बातो के खिलाफ मजबूर होकर सलट मार्च निकाल रही हैं
किस रास्ते पर आप धकेल रहे हैं आज अपनी बेटियों को खुद सोचिये
पोर्न साईट के खिलाफ लिखिये
जगह जगह ब्लॉग पर जा कर चित्र हटवाए तब लिखिये "रचना जी खासियत के बारे में "
जो लिखना चाहते हैं की औरतो को घर में रहना चाहिये तो वो लिखिए ना ये गोल घुमा का लिखने की क्या जरुरत हैं
मुझे पता होता तो अवश्य एक लेख़ लिखता. जल्द इसी मुद्दे पे लिखूंगा
bahut sunnii haen aesi baatey is blog jagat me
kabhie saarthie blog par yahii kehaa jaataa thaa ki aagey likhaege purush kae liyae kyaa uchhit haen
3 saal hogaye wo aagey ka samay nahin aayaa
चलिए रचना जी अगला लेख़ अमन का पैग़ाम पे और वो भी पुरुषों को समाज मैं कैसे रहना चाहिए विषय पे. क्या सलमान कि तरह शर्ट उतार के घूमना सही है? आप भी कहेंगी की यहाँ वादा खिलाफी नहीं हुआ करती. अब नाराज़ ना होइएगा और ना यह कहियेगा कि इस्लाम फैला रहा है.क्यों कि जो वादा कर के मुकर जाए मुसलमान नहीं कहलाता.
लिखिये जरुर लिखिये
सलमान क्या करता हैं और शिल्पा शेट्टी क्या करती हैं इस से आम व्यक्ति अप्रभावित हैं
आम लड़की क्यूँ आज भी असुरक्षित हैं जबकि कानून और संविधान उसको हर जगह बराबरी का अधिकार देता हैं
घर हो बाहर हो पाबन्दी लड़की पर ही क्यूँ ???
अगर आप नहीं चाहते हैं लडकियां slut march जैसे कदम उठाने के लिये मजबूर हो तो व्यवस्था को सुधारने के लिये कुछ कीजिये जहां हैं वहाँ समान अधिकार की बात कीजिये ये धोखा देना अपने और अपने पाठको को बंद कीजिये
बात हिन्दू मुसलमान की नहीं हैं बात हैं क्युकी दोनों ही जगह एक सी बात होती हैं जहां नारी सुरक्षा की बात आती हैं समाज को व्यवस्थित करने की बात कभी क्यूँ नहीं होती
रचना जी जिन महिलाओं को उनकी तस्वीरों के दुरूपयोग से कोई फर्क नहीं पड़ता यह लेख़ उनके लिए नहीं है.
किन महिला के लिये हैं ये आलेख ये भी बता देते .
slut march? WHAT IS THIS?
http://indianwomanhasarrived.blogspot.com/2011/06/slut-slut.html
http://blogs.wsj.com/indiarealtime/2011/07/18/indias-first-slut-walk-takes-place-in-bhopal/
rachna jee Thanks for links.
.
आप को रोकना चाहिए यदि स्त्रियाँ अर्धनग्न हो कर कोई डिमांड करती हैं तो. डिमांड करने के और भी बहुत से तरीके हैं. यह सब भारतीय नारी के तरीके नहीं. हमारा जिस्म है हम चाहे जैसे रहें समाज मैं रहने वाली स्त्रीयों को की मांग नहीं यह तो उनकी मांग है जो समाज से हट कर जंगलों मैं जानवरों जैसे रहना चाहते हैं.
इंसान सभ्य होता गया कपडे पहनता गया. और इसमें कोई बहस की बात भी नहीं बहुत से लोग तो अमरीका जैसे मुल्कों मैं न्यूडिस्ट कालोनी मैं रहते हैं उनके पास भी दलीलें हैं .
अपनी अपनी पसंद है.
आपकी बात से सहमत हूँ मासूम भाई, लोग जाने-अनजाने अपने व्यक्तिगत फोटोग्राफ सोशल नेटवर्किंग साईट पर डाल देते हैं, जिनका गलत प्रयोग हो सकता है.... इसलिए सतर्कता तो बरतनी ही चाहिए...
आप पुरुषो को रोक लीजिये ये सब खुद रुक जाएगा
और ये मै नहीं नारी ब्लॉग का जो लिंक आप को दिया हैं उस पर आये कमेन्ट कह रहे हैं
बेकार की रोक टोक से आजिज आ चुकी हैं लडकियां और इसी लिये आप की इस पोस्ट का कोई औचित्य ही नहीं हैं क्युकी आज मुद्दे बराबरी के हैं
porn sites should be banned and man and woman should both be careful on net
dont write only woman
porn sites should be banned and man and woman should both be careful on net.
you are right here? Thanks for Discussion. "Only women " इसका जवाब अमन का पैग़ाम की नयी पोस्ट पे दूंगा जैसा की आप से वादा किया है.
इंटरनेट पर हो रही गड़बड़ी को रोक पाने में आज हम असमर्थ महसूस करते हैं. किसी की भी फोटो के साथ हेराफेरी की जा सकती है. महिला ही क्यों पुरुषों की फोटो का भी दुरुपयोग किया जा सकता है. हमें अपना नज़रिया ठीक करना होगा. यदि किसी ने मर्ज़ी से ऐसा फोटो दिया है तो क्या कहा जाए. यदि यह कोई डाक्टर्ड फोटो/इमेज है तो व्यक्ति को खामखाह की शर्मिंदगी से बचाना धर्म है. सब से अच्छा है कि समान्यतः ऐसे मामलों को महत्व ही न दिया जाए.
बन्धु, यह भी कह सकते हैं......
कि इन साइट्स पर अपनी जन्म तिथि मत डालिए। बहुत से कामों जैसे शेयर बेचने खरीदने में आपके नाम के कुछ अक्षर व घुमा फिराकर जन्मतिथि को ही आपके पासवर्ड के रूप में दिया जाता है। फिर दूसरा पासवर्ड भी चाहिए किन्तु आधा काम तो हो गया। जब यह मैं पब्लिक करती हूँ तो कोई भी इसका दुरुपयोग कर सकता है। शायद कोई जाकर मेरे शेयर खरीद बेच आए, चाहे पैसे अपनी जेब में डाल भी ले या नहीं, यह मेरे लिए काफी चिन्ताजनक बात होगी।
चित्रों का दुरुपयोग तभी तक भयावह रहता है जब किसी इक्के दुक्के का होता है। यदि लाखों स्त्रियों व पुरुषों के चित्रों का दुरुपयोग होगा तो यह बात कम्पा देने वाली नहीं रह जाएगी।
वैसे जब सड़क पर हर तीसरा व्यक्ति कैमरे वाला मोबाइल लिए घूम रहा हो तो या तो घर में छिपकर रहना पड़ेगा या सड़क पर भी छिपकर चलना होगा या फिर जैसे हर काम थोड़ा सतर्क होकर करते हैं वैसे ही करना होगा। पहला और दूसरा विकल्प जिसे स्वीकार नहीं वह थोड़ा रिस्क लेकर ही सही जिएगा /जिएगी तो सही।
कि यहाँ अपने व अपने खानदान का कच्चा चिट्ठा खोलकर मत रखिए। उनका दुरुपयोग हो सकता है, आदि आदि।
नित बम ब्लास्ट होते हैं, सड़क पर लोग पागल हो वाहन चलाते हैं, हत्या करते हैं, हम फिर भी सड़क पर निकलते ही हैं। वाहन से बचकर व बम वाले भाई से बचने का कोई साधन न होने पर राम भरोसे।
घुघूती बासूती
भूषण जी की बात से सहमत।
घुघूती बासूती
फोटो गलत इस्तेमाल न हो इसके लिए ऐसी साईट को प्रतिबंधित करना चाहिए |
aapne sahi samay par badhiya jaankari di hai
iske liye aapka
bahut bahut shukriya
par internet par lakho ki sankhya me website hai ......kaun kiska photo kab istemal kar rahapata hi nahi chal pata hai ..........
mujhe to lagta hai ise rokna asambhav hai
आप ठीक कह रहे हैं जानबूझकर खतरा क्यूं मोल लेना....
सोशल वेबसाइट पर तस्वीरें सोच समझकर डालनी चाहिए...
(1)- क़सम अल्लाह पाक की ! आपने तो हमारे दिल की बात कह दी है।
(2)- रचना बी ! यह बात तो हमारी गुलबदन जैसी ग़ैरतमंद औरतों के लिए मुफ़ीद मालूम होती है। जिसे बस हमने देखा या फिर उसके रिश्तेदारों ने देखा है। कुछ हवस ने और कुछ मजबूरियों ने आज औरत को घर की दहलीज़ लांघने पर ज़रूर मजबूर कर दिया है लेकिन ग़ैरत वे भी गुलबदन जैसी ही रखती हैं। यही वजह है कि उन्होंने मुंह भले ही खोल लिया है लेकिन ढकने वाला तमाम हिस्सा वे भी ढकती हैं। इसका मतलब यह है कि मज़मून ज़्यादातर के लिए मुफ़ीद है।
(3)- लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप ग़लत हैं। मर्द ही तोड़ता है औरत पर ज़ुल्म के पहाड़ ।
लेकिन इस वजह से नंगे होकर मार्च निकालना भी औरतपने की तौहीन है।
तकरार के बजाय कोई हक़ीक़ी हल सुझाइये मोहतरमा।
...और भाई मासूम साहब ! जब आप जवाब दें तो यह भी बताइये कि मर्द क़ौम इतनी बेशरम क्यों है कि नंगे बेहयाई के एमएमएस बनवाने के बाद भी मर्द तो आज तक एक भी न मरा शर्म से जबकि औरतें मर गईं हज़ारों !
मर्द की इज़्ज़त हमारे गधे की तरह फ़ौलादी क्यों है कि उस पर ज़रा आंच नहीं आने पाती हालांकि एक बार हमारे गधे की इज़्ज़त पर आंच आ चुकी है और वह तब की बात है जबकि एक मेहमान हमारे ब्लॉग पर आज़मगढ़ से तशरीफ़ ले आए थे। उसका पूरा क़िस्सा आज भी हमारे ब्लॉग पर शेख़चिल्ली पढ़ता रहता है।
ख़बरदार उसे परेशान करने कोई आ न जाए हमारे ब्लॉग पर ।
बडी तीखी लपटे हैं, यहां से तो निकल लेने में ही भलाई है।
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बेहतर लेखन की ‘अनवरत’ प्रस्तुति।
अब आप अल्पना वर्मा से विज्ञान समाचार सुनिए..
शेखचिल्ली का बाप @भाई औरत के साथ ज़बरदस्ती हुई तो कहा गया बलात्कार ,मर्द के साथ औरत ज़बरदस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाने कि कोशिश करे तो कहता है लाटरी लगी. :) (यह केवल मजाक है)
सावधान रहने में क्या बुराई है ? यदि शालीनता पूर्वक रहा जाए - तो सम्मान बना रहता है - इसमें इतना झगड़ने की क्या बात है मुझे समझ नहीं आया ? यदि कोई हमें सोशल साईट पर फोटो लगाने के रिस्क बता रहा है - तो उसे रोकना क्यों ? सलाह मानना या ना मानना हर इंडीविजुअल पर डिपेंड करता है | यह बताना तो हेल्पफुल ही है | धन्यवाद मासूम जी - वेरी इन्फोर्मेटिव पोस्ट | कम से कम मुझे तो इस बारे में जानकारी नहीं थी - बताने के लिए धन्यवाद |
hmmm... attentive rahe... yahi sahi hai... photo daale bt aisi jiska koi aur kahi kisi bhi roop mein galat upyog na kar sake...
निश्चित रूप से सावधानी भली है.जागरूकता के लिए अच्छी पोस्ट.
इसका जवाब अमन का पैग़ाम की नयी पोस्ट पे दूंगा जैसा की आप से वादा किया है.
post kaa link uplabdh karaa dae taaki mae apnae blog par dae sakun
Rachna jee Aman ka paigham pe jawaab dekhein.
रचना जी से किया वादा मैंने पूरा किया. यह लेख़ अमन का पैग़ाम पे अवश्य देखें
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