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    Sunday, June 26, 2011

    तुम्हारा दोस्त, तुम्हारे दोस्त का दोस्त और तुम्हारे दुश्मन का दुश्मन तुम्हारे दोस्त हैं......

    दोस्ती मैं धोका, गद्दारी, दिल का टूटना अक आम सी बात होती जा रही है और इसका एक कारण यह भी है की हम दोस्ती करते समय केवल अपना फायदा ही देखते हैं .कल मैंने दोस्ती से सम्बंधित अपना एक विचार आप सबके सामने रखा था की ना करो गुलामो  से दोस्ती क्योंकि इसमें होता  है नुकसान हमेशा. आज पेश है दूसरी काम की बातें.

    यदि आप अपना दोस्त खोना नहीं चाहते तो यह हमेशा याद रखें . दोस्त का दोस्त दोस्त होता है और दोस्त का दुश्मन दुश्मन.

    इमाम अली (अ) ने बताया  : तुम्हारे दोस्त भी तीन तरह के हैं और दुश्मन भी तीन क़िस्म के हैं। तुम्हारा दोस्त, तुम्हारे दोस्त का दोस्त और तुम्हारे दुश्मन का दुश्मन तुम्हारे दोस्त हैं
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    6 comments:

    दिनेशराय द्विवेदी said... June 26, 2011 at 6:13 PM

    जो दोस्त सा दिखता है (होता नहीं) वही तो धोका करता है।

    S.M.Masoom said... June 26, 2011 at 6:19 PM

    दिनेशराय द्विवेदी@ जी वहीं तो बताने की कोशिश कर रहा हूँ की दोस्त कौन होता है और दोस्त जैसा कौन दिखता है? दोस्त जैसों से कैसे बचा जाए यह आगे बताऊंगा.

    Sushil Bakliwal said... June 26, 2011 at 6:27 PM

    छोटी व उपयोगी सिद्धांत । धन्यवाद...

    Bharat Bhushan said... June 26, 2011 at 7:17 PM

    रहस्यात्मक पोस्ट है :))

    आपका अख्तर खान अकेला said... June 26, 2011 at 7:49 PM

    hme to bas aek pyara saa dost or pyare se bhaai kaa hi nam yaad hai or voh hai s m maasum jo bahut masum hain .akhtar khan akela kota rajsthan

    Item Reviewed: तुम्हारा दोस्त, तुम्हारे दोस्त का दोस्त और तुम्हारे दुश्मन का दुश्मन तुम्हारे दोस्त हैं...... Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
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