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    Tuesday, March 22, 2011

    पठान का डंडा और मामला ठंडा

    pathan उपदेश और नसीहतों के बीच कभी कभी थोडा हंस भी लेना चाहिए. 

    किसी गाँव मैं एक साहब ने खुद के भगवान् होने का  का एलान कर दिया,कहने लगे कि वो भगवान् हैं. दूर दूर से लोग आते और उसको समझाते कि तुम ग़लत हो, दूर देश से धर्म के ज्ञानी बुलाये गए लेकिन वो मान ने को तैयार नहीं कि वो खुदा नहीं है.

    वहीं गाँव मैं एक दुखी पठान रहता था . दुखी इस लिए कि उसका बेटा अभी कुछ दिनों पहले चल बसा था. उसने भी यह बात सुनी कि एक साहब ने भगवान् होने का  दावा कर दिया है. उस पठान ने कुछ सोंचा और अपनी लाठी हाथ मैं ले के उन साहब से मिलने गया.

    वहां देखा लोग उसको समझा रहे हैं, पठान ने सब से कहा , मुझे भी एक मौक़ा दो इन भगवान् जी से मिलने का. सब मान गए. 

    पठान ने पूछा तो आप खुद को भगवान् कहते हैं?

    उन साहब का जवाब था हाँ.

    पठान के डंडा ऊपर उठाया और कहा "तो तुम्ही हो जिसने मुझसे मेरा बेटा छीन लिया" 

    इस से पहले कि पठान आगे बढ़ता उन साहब ने चिल्ला के कहा  नहीं भाई मैं ना तो भगवान् हूँ और ना ही मैंने तुम्हारा बेटा छीना है..

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    4 comments:

    Dr. Yogendra Pal said... March 23, 2011 at 2:39 PM

    कहानी बहुत अच्छी लगी, डंडे में बात तो है

    अब कोई ब्लोगर नहीं लगायेगा गलत टैग !!!

    देवेन्द्र पाण्डेय said... March 28, 2011 at 10:20 PM

    पुरानी कहावत है डंडे के डर से भूत भी भागता है।

    आपका अख्तर खान अकेला said... March 29, 2011 at 8:56 AM

    maasum bhai vaah kya dndaa he aese dnde desh me netaon ke liyen bhi bn jaye to mza aa jaaye . akhtar khan akela kota rajsthan

    Item Reviewed: पठान का डंडा और मामला ठंडा Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
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