मैंने अपनी पिछली पोस्ट मैं कहा था कि यदि आप किसी साझा ब्लॉग के संयोजक हैं तो आप जैसे ही किसी को मेम्बर बनाते हैं आप जाने या अनजाने मैं उसको यह ताक़त दे देते हैं कि वोह एक क्लिक पे आप के ब्लॉग कि सभी पोस्ट अपने किसी ब्लॉग पे खींच ले. इसके लिए admin बनाने कि भी आवश्यकता नहीं.
अब तो सरकार भी इस कानून को लाने कि सोंच रही है के आप के खुद के ब्लॉग मैं प्रस्तुत विषय वस्तु कि पूरी ज़म्मेदारी आप कि ही होगी और साझा ब्लॉग चाहे साझा हो , है तो वो संयोजक का ही ब्लॉग, इस लिए इस बात कि आशंका अधिक है कि , जवाबदेही संयोजक पे आये.
जैसा के मैंने पहले भी कहाँ था कि ऐसे लिखने वाले कम ही हैं जो कोई लेख़ केवल किसी साझा ब्लॉग के लिए लिखें. लोग लेख़ लिखते हैं और अपने ब्लॉग के साथ साथ , कई साझा ब्लॉग पे भी डाल देते हैं.
ध्यान रहे आप के ऐसा करने से आप अपने ब्लॉग के पाठक भी खो देते हैं और साझा ब्लॉग कि अपनी पहचान भी खो जाती है. साझा ब्लॉग के संयोजको को यह ध्यान रखना चाहिए कि अपने ब्लॉग पे बुलाया भी आपने ही है किसी को तो ज़िम्मेदारी भी आप कि ही होगी. यदि आप दूसरों के लेख़ कि ज़िम्मेदारी ना ले सकते हों तो कम लोगों को ही बुलाएं.
जब आप का सहयोगी आप का पहचाना हुआ होगा तो ब्लॉग कि पोस्ट चोरी का भी खतरा कम और जवाबदेही भी आसान हो जाएगी.
7 comments:
सही सूचना के साथ सही बात
मासूम जी,
वास्तव में सामूहिक ब्लाग सामुहिक हैं ही नहीं। सामुहिकता इस बात पर निर्भर करती है कि समूह एक नीति निर्धारित करे और एक संपादक तय करे। ब्लाग पर प्रकाशित होने वाली प्रत्येक सामग्री संपादक की निगाह से हो कर ही वहाँ प्रकाशित हो। संपादक कोई गड़बड़ करे तो समूह उस से पूछ सकता है कि उस ने ऐसा क्यों किया। उस के स्पष्टीकरण से संतुष्ट न होने पर उसे हिदायत दी जा सकती है या हटाया जा सकता है।
इस के स्थान पर हो यह रहा है कि जो आ गया वह सामुहिक ब्लाग पर अपनी पोस्ट ठेल रहा है। यहाँ तक कि कुछ कथित सामुहिक ब्लागों पर उन के नाम गुण के विपरीत रचनाएँ देखने को मिली हैं। इस से सामुहिक ब्लागों का कोई स्पष्ट चरित्र ही नहीं बन पा रहा है।
अमाँ क्यों संयोंजकों के क़ुलूब में ख़ौफ़ोहरास दाख़िल कर रहे हैं आप ?
हमारे 3 साझा ब्लॉग हैं :
1. प्यारी माँ
2. हिंदी ब्लॉगर्स फोरम इंटरनेशनल
3. ब्लॉग की खबरें
तीनों पर वही लेख आते हैं जो उनके नाम के अनुरूप हैं और मैं चाहता हूँ कि लोग उन्हें ले जाकर फैला दें हर तरफ़ लेकिन ऐसा कोई करता ही नहीं । आज भी सबको खुला निमंत्रण है सबके लिए । सबके लिए जिम्मेदार भी मैं ही हूँ और रहूंगा क्योँकि संयोजक और संपादक मैं ही हूं। एक ब्लॉग Complaint book के तौर पर भी सबकी शिकायत के लिए उपलब्ध कर रखा है लेकिन उसमें आज तक किसी ने भी अपनी शिकायत दर्ज न कराई ।
इसे क्या कहेंगे आप ?
Option 1. फ़ौलादी जिगर
Option 2. शेर का जिगर
Option 3. दिलजले
Option 4. प्यार झुकता नहीं
या कुछ और ?
अनवर साहब मैं क्या किसी के दिल मैं डर पैदा करूँगा? जबकि मैं खुद एक साझा ब्लॉग चलाता हूँ. बस वो बारीकियां बता रहा हूँ जिनसे साझा ब्लॉग वालों को नुकसान हो सकते हैं.
सावधानी हटी दुर्घटना घटी ..
दिनेशराय द्विवेदी @ जी साझा ब्लॉग के मेने होते हैं एक मकसद वाले लोगों का एक जगह जमा होते कुछ लिखना. यहाँ भीड़ जमा करली जाती है मकसद होता है अपने ब्लॉग कि मार्केटिंग.
शायद ही कोई ब्लॉग इसलिए शुरू करता है कि उसके मंच से कोई और नाम कमाए। सारा चक्कर हिट्स की संख्या और ब्लॉग की रेटिंग का है जिसके लिए कुछ हद तक एग्रीगेटरों की नीति भी जिम्मेदार है।
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