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    Saturday, February 19, 2011

    क्या आप बड़े ब्लोगर हैं? यदि हाँ तो अपनी काबलियत यहाँ दर्ज करवाएं

    एक ब्लोगर क्या सोंचता है? किन किन आदतों का शिकार होता है? कौन कौन सी बीमारियाँ  इत्यादि का उल्लेख संछेप मैं किया है. देख लें  आपके बारे मैं क्या कहा गया है?

    blogger ब्लोगिंग के बारे में लेख लिखना । , लगातार ब्लॉग लिखने में असमर्थ , क्या लिखें समझ नही आता ? , में आज पोस्ट नही करूँगा , मुझे इससे फरक नही पड़ता !,  बहुत लम्बी ब्लॉग पोस्ट ।सहायता पाने के लिए ब्लोगिंग करना ।, अपने ब्लॉग को बार बार रिफ्रेश करना,ये देखने के लिए के हिट्स कितने बड़े या कॉमेंट्स कितने बढे ।, Google Adsense  बार बार अपने एडसेंस अकाउंट को चेक करना की कितना पैसा बड़ा । , दूसरे ब्लोगेर की झूटी तारीफ करना।  ब्लॉग की कीमत जानना , अलग अलग वेबसाइट पर जाकर , अपने ब्लॉग पर दिखाना ।, एक ब्लॉग से दूसरे ब्लॉग पर जाना ।,ऐसे टिप्पणीकार जो पोस्ट की गई सामग्री से बुरी तरह से असहमत हैं ।, ब्लोगिंग का नशा होना ।, , ऐसा ब्लॉग चलाना जिसका प्राथमिक ब्लोगर छुट्टी पर हो या ब्लोगिंग न कर रहा हो ।,ब्लॉग पर विज्ञापन करना ।,ऐसा पाठक जो सिर्फ़ लेख पढता है , कमेन्ट नही करता।, ब्लॉग का जन्मदिन मनाना।,ब्लोगर का जन्मदिन मनाना  , किसी विशेष विषय के लेखों की लिंक देना ।, कई ब्लोग्स चलाना । , नए ब्लोग्स को या अन्य ब्लोग्स को बधाई देना । अपने मुह मियां मिठू बनना । , अपने ब्लोगर साथियों से अपनी तारीफ करवाना। , गुट बना के टिप्पणी करना। ,ब्लोगर मीटिंग की फ़िक्र करना। , इर्ष्या वश लोगों को दूसरे ब्लोगर के  खिलाफ भड़काना।, ब्लोगर्स की पार्टी । , तुम मुझे लिंक करो,में तुम्हे लिंक करूँगा, और हम दोनों की रंकिंग बढ़ने लगेगी ,अच्छा कंटेंट लिखना ,इस आशय से की कई ब्लोग्स या साईट से मुझे लिंक करेंगे ।, किसी विवाद के कारण अधिक ब्लॉग गतिविधि इसे blog swarm. भी कहते हैं । , गैर मित्रों को टिपण्णी पर प्रतिक्रिया न करना ।,.किसी अन्य ब्लॉग से सामग्री चोरी कर प्रकाशित करना , ब्लॉग चोर । , ब्लॉग एयर ब्लोगिंग का डर ।, एक ही राय ब्लॉग पर दोबारा प्रकाशित करना । पैसे की शान दिखाना , फोन से अपने ब्लॉग पे बुलाना।
     

    क्या कह रहे हैं आप को कुछ समझ मैं नहीं आया? क्या आप का चेहरा भी इस आईने  मैं नहीं दिखा? फिर आप ना तजुर्बेकार नए ब्लोगर हैं आप किसी साझा ब्लॉग मैं जा कर कुछ तजुर्बे हासिल करें फिर टिप्पणी करें. 
    क्या बात है आप को सब समझ मैं आ गया ,अब ठीक है आप एक बड़े और समझदार ब्लोगेर हैं ,साझा  ब्लॉग (ब्लोगेर असोसिएसन)
    की आवश्यकता आप को नहीं, खुद का ब्लॉग लिखें और फ़ौरन यहाँ अपनी काबलियत दर्ज करवाएं टिप्पणी कर के. 

    अमन का पैग़ाम का यह लेख़ अवश्य पढ़ें

    ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर blog swarm

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    29 comments:

    मनोज कुमार said... February 19, 2011 at 8:17 PM

    इस पोस्ट का मतलब समझ में नहीं आया।
    बड़ा और भारी भी ... ब्लॉगर तो मैं डे वन से हूं।
    (९५ केजी का था)
    अप तु १२ केजी हलका ही हो गया हूं।

    S.M.Masoom said... February 19, 2011 at 8:19 PM

    वाह मनोज जी मज़ा आ गया , जैसी पोस्ट वैसा जवाब

    वीना श्रीवास्तव said... February 19, 2011 at 9:32 PM

    भाई मासूम जी इतनी बड़ी समझ नहीं है जो इसका मतलब समझ सकूं...
    इतना जरूर जानती हूं कि लिखना स्वानत: सुखाय होता है कुछ लोग पढ़े और अपनी राय दें या पता लगे कि हम क्या लिख रहे हैं इसलिए ब्लॉग शुरू किया...इतनी भारी-भरकम पोस्ट सिर के ऊपर से निकल गई..इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं...

    Taarkeshwar Giri said... February 19, 2011 at 10:09 PM

    हाँ हैं कुछ जाने अइसन. जौन खुद ही बड़का बनते हैं, अउर ससुरी क़ाबलियत जीरो.खाली जन्मदिन मना लिया या दु लाइन कि कविता लिख दी या कौनो मेहरारू के ब्लॉग पे जाइके तारीफ कर दिया .

    बन गये बड़का ब्लोगेर.

    S.M.Masoom said... February 19, 2011 at 10:12 PM

    Tarkeshwar Giri @ अरे भाई आप तो बहुत ही बड़े ब्लोगर निकले, गडबडझाले मैं से भी काम की बात तलाश ही लाए. शुक्रिया

    Swarajya karun said... February 19, 2011 at 10:20 PM

    मासूम जी ! आपके विचारों से लगता है कि एक सक्रिय ब्लागर होने के नाते ब्लागरों के मनोविज्ञान को आपने बहुत बेहतर समझा है. लेकिन मुझे लगता है कि हर ब्लॉगर की ब्लागिंग का मकसद अलग-अलग होता है. कोई सामाजिक जागरण के लिए , कोई देश-भक्ति के प्रसार के लिए तो कोई चिकित्सा ,पर्यावरण , रियल-इस्टेट कारोबार, पर्यटन , खेती-किसानी तो कोई साहित्य, कोई खेल-जगत , याने कि हर कोई चाहे तो अपनी रूचि के हिसाब से अपना ब्लाग-लेखन कर सकता है. हमे ब्लॉग-जगत में सबका स्वागत करना चाहिए .आपने भी 'अमन का पैगाम' के नाम से ब्लॉग शुरू किया है, जिसका मकसद भी बहुत साफ़ है-समाज को, देश और दुनिया को ब्लॉग के ज़रिए अमन या शान्ति का सन्देश देना . यह बहुत अच्छा है. बाकी ब्लागरों की जिन दिलचस्प आदतों का आपने जिक्र किया है, उनमे से कितनी आदतें आप में भी होंगी, क्या इसका खुलासा करेंगे ? वैसे आपका यह आलेख बहुत मजेदार है. इस आईने में कुछ-कुछ मैं भी अपना चेहरा देख रहा हूँ.

    S.M.Masoom said... February 19, 2011 at 10:26 PM

    Swarajya karun @ आप ने इस लेख़ को समझा ,इसी से आप की काबलियत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
    .
    जी सबसे पहले तो मैंने खुद का ही चेहरा देखा था . अब इसमें कौन सी बातें मेरा आएना हैं भाई बताना बड़े जिगरे का काम है. किसी लेख़ मैं खुद की भी खिचाई कर लूँगा , इंतज़ार करें.

    Sushil Bakliwal said... February 19, 2011 at 10:37 PM

    वाकई ये बडी वजनदार पोस्ट लग रही है ।

    S.M.Masoom said... February 19, 2011 at 10:42 PM

    सुशील बाकलीवाल@ अरे कहीं इतनी वज़नदार तो नहीं थी ना , की मैं भी उसके वज़न तले दब जाऊ. वैसे भी ब्लॉगजगत मैं दबे को और दबा देने की भी आदत देखी जाती है.

    राज भाटिय़ा said... February 20, 2011 at 12:35 AM

    मुझे लगता हे कि मै ही सब से बडा ओर तंगडा ब्लागर हुं, क्योकि सब गुण तो नही लेकिन इन मे बताये कुछ गुण जरुर हे... जेसे...
    अपने मुह मियां मिठू बनना ।
    इर्ष्या वश लोगों को दूसरे ब्लोगर के खिलाफ भड़काना।,
    फोन से अपने ब्लॉग पे बुलाना।,
    Google Adsense बार बार अपने एडसेंस अकाउंट को चेक करना की कितना पैसा बड़ा । ,
    ब्लॉग की कीमत जानना ,
    किसी विशेष विषय के लेखों की लिंक देना ।यानि दुसरो की टांग खींचना!
    किसी विवाद के कारण अधिक ब्लॉग गतिविधि इसे blog swarm. भी कहते हैं ।
    कोई गुण रह गया हो तो याद दिला दे

    S.M.Masoom said... February 20, 2011 at 12:51 AM

    राज भाटिया जी बड़े ब्लोगर तो आप हैं ही लेकिन क्या आइना अँधेरे मैं देख लिया? यह आपके गिनाए अवगुण हैं और यह आप को देख के दूर भागते हैं..

    DR. ANWER JAMAL said... February 20, 2011 at 1:31 AM

    फ़ेसबुक पर अकाउंट बनाना
    और Interest में Women लिखना
    बहुत सारे फ़्रेंड बनाना ताकि उनकी wall पर अपने लेख के लिंक चेपे जा सकें ।
    बड़े ग्रुप ज्वाइन करना
    राष्ट्रवाद की बीन भैंसों के आगे बजाकर उन्हें दुह लेना अर्थात चंदा उगाही करना
    औरत का फ़ोटो लगाकर फ़र्ज़ी ब्लाग बनाना
    पत्नी को बेड पर तन्हा जागने की सज़ा देकर ख़ुद थाईलैंडियन ब्लागर के फ़ोटो से नैन मटक्का करना
    अपने एग्रीगेटर के सपने पालना
    दूसरों को क़ानून की धमकी देना और फिर ख़ुद भी खाना
    बुढ़ापे में जवानी के नुस्खे पूछना
    ऐसा शो करना जैसे इस ज़माने के हातिम ताई और फ़रहाद ताया यही हैं
    अपनी बोरियत दूर करने के लिए ब्लागिंग करके दूसरों को बोर करना

    .
    .
    .

    अनवर जमाल का विरोध करना !

    Udan Tashtari said... February 20, 2011 at 1:43 AM

    आत्मसात करने की कोशिश कर रहा हूँ गुण अवगुण!!!

    S.M.Masoom said... February 20, 2011 at 1:50 AM

    Udan Tashtari @ कुछ गुण और कुछ अवगुण सभी मैं होते हैं और ब्लोगर मैं भी यह दोनों ही पाए जाते हैं. केवल गुणों से कहीं तरक्की होती है क्या?
    .
    यदि किसी पति को पत्नी के गुण अवगुण लगें और पत्नी को अपने पति के गुण अवगुण लगे तो दोनों क्या कहलाएंगे? ........महान ब्लोगर

    Arun sathi said... February 20, 2011 at 6:15 AM

    बहुत सुन्दर मासुम जी। पर एक बात है ब्लॉगिंग करके फोन इत्यादी से अपने ब्लॉग पे बुलाना बुरी बात है ब्लॉगिंग तो बस अपना सा लगता है सबकुछ, अपने दोस्त, अपना परिवार। ग्लोबल परिवार।

    Bharat Bhushan said... February 20, 2011 at 7:46 AM

    मुझे दो ब्लॉगरों की कही बात याद आ रही है. रचना ने एक बार कहा था कि ब्लागिंग अहसास की दुनिया है. अहसास में गुण-अवगुण देखना भी एक अहसास है. एक ब्लॉगर ने कहा था कि ब्लॉगिंग का अर्थ 2T है. टाइमपास और टाँग खिंचाई. यह सच है. पर ऐसा भी नहीं है कि ब्लॉग्स पर रचनात्मक कार्य न हो रहा हो. ब्लॉगिंग में जितने चेहरे हैं उतने ही आइने हैं और हर आइने का अपना एक चेहरा है जिसे आपने इस पोस्ट के ज़रिए ब्यान किया है. अपना बज़न भी कुछ कम महसूस कर रहा हूँ हालाँकि पहले भी अधिक नहीं था :))

    नुक्‍कड़ said... February 20, 2011 at 8:11 AM

    ब्‍लॉगिंग का मनोविज्ञान, मनो‍वैज्ञानिक ब्‍लॉगर। प्रगति की ओर बढ़ते कदम।

    VICHAAR SHOONYA said... February 20, 2011 at 9:16 AM

    मासूम साहब आपने सीरियस ब्लोग्गेर्स की सारी बीमारियाँ पहचान लीं. अब आप ब्लॉग्गिंग के डाक्टर बन गए.

    नोट : मेरे उपरोक्त विचार आपके लेख को पढ़ कर ही उत्पन्न हुए हैं जिन्हें मैं "तेरा तुझको अर्पण" वाली तर्ज पर यहाँ टिपण्णी रूप में दर्ज कर रहा हूँ. आप इसे उधार में दी गयी टिपण्णी समझ कर प्रतिउत्तर में मेरे ब्लॉग पर टिपण्णी करने के लिए बाध्य नहीं हैं.

    Alokita Gupta said... February 20, 2011 at 10:52 AM

    Main to bahut choti blogger hun aur nayi bhi abhi to 6 mahine bhi nahi hue is world mein kadam rakhe :)
    Mail mein link mila to bas yah dekhne aa gai ki bade bllogers kon hain?
    Blogging ka nasha to hai par sirf isliye ki mujhe likhne ka nasha hai aur likhi hui cheez post kar di to tension hoti hai ki mera stock ghat gaya poems ka aur likhna hoga isse meri speed badh gayi hai likhne ki :)

    Anonymous said... February 20, 2011 at 11:02 AM

    बहुत बढ़िया!

    Aruna Kapoor said... February 20, 2011 at 11:48 AM

    धन्यवाद!...बहुत बढिया आलेख!...आपने इस लेख में बताया है कि ब्लोगर कैसे कैसे होते है!....मतलम कि हमने अपने आप को परखना है कि हम कौन सी कैटेगरी के ब्लोगर है!...वैसे मुझ पर फीट बैठ्ने वाला फिकरा मुझे यहां मिला नही है!

    रवीन्द्र प्रभात said... February 20, 2011 at 3:20 PM

    बढिया आलेख...मज़ा आ गया !

    vandana gupta said... February 20, 2011 at 5:11 PM

    अब ये बडा छोटा , नया पुराना तो पता नही मगर लेख मज़ेदार है…………अब आप ही बता दें कौन कैसा ब्लोगर है…………हम तो उनमे से हैं जो पढना जानते है और अपने लिये लिखना…………बाकी बडे छोटे का जमा , गुणा , भाग और घटा आप ही करिये………………हम तो फिर पढने आ जायेंगे॥ अब इंतज़ार है अगली पोस्ट का……………।

    shyam gupta said... February 20, 2011 at 6:14 PM

    एक दम बकवास पोस्ट है???????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????....हुआ न मैं सबसे बडा ब्लोगर.....

    S.M.Masoom said... February 20, 2011 at 7:35 PM

    Dr. shyam gupta @ क्याआअ सच मैं लेख़ समझ मैं नहीं आया? चलो ठीक है अभी आप साझा ब्लॉग मैं और मेहनत करें...

    डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said... February 20, 2011 at 7:39 PM

    मैं इन्ही सब बातों से इतना तंग आ गया... कि अब ब्लॉग पढने से विरक्ति हो गयी है.. .. आज बहुत महीनों के बाद किसी ब्लॉग को अच्छे से पढ़ा है.

    S.M.Masoom said... February 20, 2011 at 7:43 PM

    महफूज़ भाई @ आप ने इस लेख़ को अच्छे से पढ़ा इस बात का बहुत बहुत शुक्रिया. आप कि विरक्ति सही है. लेकिन क्या करें परिवार मैं सभी तरह के लोग हुआ करते हैं.

    बाल भवन जबलपुर said... April 11, 2011 at 1:34 AM

    आलेख के लिहाज़ से मैं आत्म चिंतन में लग गया. किसी निष्कर्ष पर पहुंचते ही मिलता हूं

    Unknown said... August 21, 2011 at 7:08 PM

    ek vishehata yaha bhi, comments ke javawab dena, jaise aap dete hai...

    Item Reviewed: क्या आप बड़े ब्लोगर हैं? यदि हाँ तो अपनी काबलियत यहाँ दर्ज करवाएं Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
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