कभी कभी बहुत सी बातें एक साथ जमा हो जाया करती हैं और कहने का समय कम हुआ करता है ऐसा ही आज मुझे लग रहा है. चलिए आप भी देखें क्या है इधेर का और क्या है उधेर का .
कुछ दिन पहले जब बड़े बड़े हवाई जहाज़ों (हिन्दी ब्लॉग संकलको) के क्रैश होने की खबरें आने लगी तो सभी ब्लॉगर मैं अपना खुद का हेलिकॉप्टर खरीद लेने का जोश दिखाई देने लगा. बहुत से स्वनिर्मित संकलक दिखाई देने लगे , कुछ मशहूर हुए कुछ छिपे रह गए और फिर हमारीवाणी के आने के बाद ,कुछ लोगों के जोश मैं कमी आयी. लेकिन हकीकत मैं देखें तो इन छोटे संकलकों से फैदा हुआ और आज यह निजी की हैसीयत से अच्छा काम कर रहे हैं. अब अपने पसंद के ब्लोगेर्स को पढना आसान सा हो गया है.
अभी यह जोश ठंडा ही हुआ था की अचानक शुरू हुआ ब्लोगेर्स असोसिएसन बना लेने का जोश. और देखते ही देखते ५-५ ब्लोगेर्स असोसिएसन बन गए ,लोगों को नेओता भेजा जाने लगा , लोग बात करने लगे यहाँ जाओ वहां ना जाओ यह इसका है यह उसका है. कौन किसका है यह तो पता नहीं लेकिन यह बात साफ़ साफ़ दिखाई दी की अपने ब्लॉग का प्रचार करने का आसान रास्ता लोगों को मिल गया और नए पाठक मिलने की उम्मीद लिए लोगों दना दन न्योते स्वीकार करके लेख भी लिखने शुरू कर दिए. कुछ ने तो केवल दोस्तों के असोसिएसन से खुद को जोड़ा और कुछ तो दुश्मनों से भी जा मिले. यह तो साफ़ दिखाई दे रहा है कुछ दिन यह असोसिएसन का बुखार हॉट हॉट रहेगा.
सभी ब्लोग्गर्स जोश मैं हैं कोई आजमगढ़ जीत रहा है कोई लखनऊ तो कोई यूपी कोई बिहार, कोई कोई तो पूरा हिन्दुस्तान. वो गाना याद आ गया की..
लखनऊ हीले ,यूपी हीले सारा हिन्दुस्तान हीले ला
ब्लोगर असोसिएसन जब बनेला तो सारा ब्लॉगजगत हीले ला
मुझे भी बुढ़ापे मैं संयोजकों की लहराती चाल देख के जोश चढ़ा संकलक तो मैं पहले ही बना ही चुका था और उसका फ़ाएदा भी मिला अब जौनपुर ब्लोगेर्स असोसिएसन भी बना डाली. बस एक बात का ध्यान इसमें रखा है की यह कहीं कूड़ेदान बन के ना रह जाए. इसलिए यहाँ केवल उन्ही को आमंत्रित किया जिनको जौनपुर से लगाव है , आना जाना है या उनका वतन है. मुंबई मैं वतन से दूर वतन की याद हमेशा आती रही अब मौक़ा मिला की मुंबई मैं बैठ के जौनपुर, लखनऊ ,कानपूर बनारस , इलाहबाद का मज़ा लिया जाए तो ऐसा मौक़ा कैसे हाथ से जाने देता.
वैसे भी नुकसान मैं फ़ाएदा तलाश लेना मेरी आदत सी रही है. अब यह नुकसान चाहे हिंदी ब्लॉग संकलकों के बंद होने का हो या फिर ब्लोगेर्स असोसिएसन मैं झगड़ों का.
यदि कोई भी ब्लोगर मेरे बताए हुए इलाके से है और जौनपुर का मज़ा अपने शहर मैं बैठ के लेना चाहता है तो मुझे मेल कर दे , उसको शामिल किया जाएगा.
अमन का पैग़ाम पे जहां हमेशा सावन को लहराती फसल लहराती रहती थी अचानक व्यस्तता के कारण लेखों और कविताओं का अकाल सा पड़ गया ,मैं सभी ब्लोगर्स का शुक्रगुजार हूँ की उन्होंने सहयोग दे के इसे टिप्पणिओं के अकाल से बचा लिया. अब जब बात चल ही गयी है टिप्पणिओं की तो एक बात कहता चलूँ , अमन का पैग़ाम या इससे जुड़े किसी भी ब्लॉग पे सहमती या असहमति वाली टिप्पणिओं को एक नज़र से देखा जाता है और हर एक टिप्पणी करने वाले पाठक को इज्ज़त दी जाती है.
पाठक निराश ना हों अभी भी बहुत से लेख और कविताएँ के ब्लोगेर्स के अमन का पैग़ाम से पेश करना बाकी है जिन्हें समय मिलते ही पेश किया जाएगा. यदि किसी ब्लोगेर को अपनी कविता या लेख पेश करना हो तो मुझे मेल कर दें.
हमारीवाणी हिंदी भाषा के प्रचार एवं प्रसार के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए ऑनलाइन पत्रकारिता के क्षेत्र में हमारीवाणी ई-पत्रिका एक अच्छी शुरूआत है .हमारीवाणी संपादक मंडल मैं मुझे समन्व्य संपादक की जगह दी गयी इसके लिए मैं हमारीवाणी से जुड़े सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ. चलिए इसी बहाने रवीन्द्र प्रभात जी को २०१२ मैं अमन का पैग़ाम शीर्ष १०० ब्लॉग मैं अवश्य दिखाई दे जाएगा.
आज कल अच्छे लेख या कविता लिख के पाठकों को आकर्षित करने का चलन नहीं रहा , आज या तो चाटुकार बन जाओ या फिर बेवजह विवाद खड़ा कर दो ,लोगों को भी कुछ चटपटा मिल जाता है , और सोये हुए ब्लॉग मैं भी जान आ जाती है. बदनाम हुए भी तो क्या नाम ना होगा वाली बात यहाँ सत्य दिखाई देती है. यह और बात है की झगडे खड़े कर के ज़िंदगी पाने वाला म्रत सामान हुआ करता है.
स म मासूम
10 comments:
हमारी वाणी के संपादक मंडल में आपको समन्वयक संपादक का पद मिला इसके लिए बधाई. अहं...हमारी चाटुकारिता स्वीकार करें :))
कामयाबी पे मुबारकबाद देने वाला चाटुकार नहीं होता. अब एक पोस्ट ना लिख दीजेगा इस पे अपने ब्लॉग से वो अवश्य चाटुकारी कहलाएगी. हा हा ह
नुकसान में फायदा ढूंढने वाला हमेशा खुश रहता है...और बेहतर भी...जीने का यह भी ढंग होना चाहिए
ब्लॉगवाणी में शामिल होने पर बधाई...
ब्लॉगवाणी में शामिल होने पर बधाई...
बधाई/शुभकामनाएँ.
जौनपुर के लोगों को जोड़ा और ईपत्रिका से जुड़ गये । सब अच्छा ही है । आदमी आदमी से कटना नहीं चाहिए ।
बधाई और नेक ख़्वाहिशात !
अनवर भाई आदमी आदमी से हमेशा जुड़ा करता है काटना और काटना तो जानवरों का काम है
जब आप सबसे जुड़ ही रहे हैं तो आइए और हमारे सामुदायिक ब्लाग हिंदी ब्लागर्स फोरम इं. से भी जुड़िए ।
निमंत्रण आपको भेज दिया गया है ।
आपका आपके साथियों समेत स्वागत है ।
बहुत बहुत बधाईयाँ।
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