दशक के हिन्दी चिट्ठाकार वास्तविकता या बाजारवाद की पराकाष्ठा?
अच्छे
लेखकों को पुरस्कार दे के उनका उत्साह बढ़ाना एक बेहतरीन काम है और यदि इस ब्लॉगजगत
में कोई इसे इमानदारी के साथ करता है तो इससे हिंदी ब्लॉगजगत का काफी भला हो सकता है | बहुत से ब्लॉगर पिछले ८-९ सालों से अपने
अपने ब्लॉग से अनेक विषयों पे लिखते रहे हैं | यहाँ तक कि फिल्म एक्टर और पत्रकार भी
अपने हिंदी ब्लोग्स पे लिखा करते हैं | आज ब्लॉग अभिव्यक्ति, सूचना, संचार और
जानकारी का स्वतंत्र और मर्यादित माध्यम साबित हों रहा
है |
ऐसे में दशक के हिंदी चिट्ठाकारों का चुनाव आसान काम नहीं | सबसे पहले तो आप
को इस बात की जानकारी होना चाहिए कि हिंदी
ब्लॉगजगत में कितने ब्लॉग हैं और उनके कितने पाठक हैं ?
यह मान के चलना कि हम जिन जिन को जानते हैं या जिन जिन से हमारा संपर्क है या
जो हमारे आप पास आ के हमारे ब्लॉग को पढते है और टिपण्णी किया करते हैं वही केवल
हिंदी ब्लॉगजगत में ब्लॉगर कि हैसीयत रखते हैं गलत होगा |
हाँ यदि आप दशक के केवल उन हिंदी चिट्ठाकारों में से
चुनाव करते हैं जिन्हें आप पसंद करते हैं या जो आपके मित्र हैं या आप जिनको खुश
करना चाह रहे हैं तो आप को यह बात साफ़ साफ़ सभी को बता देनी चाहिए |
यह काम न तो इतना आसान है और न ही इतने
छोटे पैमाने पे किया जा सकता है | इसके लिए समय भी चाहिए, हिंदी चिट्ठाकारों के बारे में सही ज्ञान भी होना चाहिए और ईमानदारी भी | वोटिंग के
नतीजो में पारदर्शिता आवश्यक है डूप्लीकेट वोटिंग इत्यादि कि संभावनाओं से इनकार
नहीं किया जा सकता |
यदि किसी चुनाव में इन बातों पे ध्यान न दिया जाए तो इसी केवल बाजारवाद का नाम
दिया जा सकता है | इस से हिंदी ब्लॉगजगत को कोई फायदा तो होने वाला नहीं हाँ नुकसान
अवश्य हों सकता है |
फुरसतिया ब्लॉग का यह स्वस्थ व्यंग बहुत कुछ कह गया |
4 comments:
अच्छी पोस्ट, ब्लॉगिंग के विकास के लिए उत्कृष्ट विचार हैं।
आपने संक्षेप में बहुत कुछ कह दिया है और फ़ुरसतिया जी के लिंक से थोड़ा टेस्ट भी बदल गया है।
बात यही है कि अपने पसंदीदा ब्लॉगर्स को नवाज़ना अलग बात है और ईमानदारी से अब तक के तमाम ब्लॉगर्स में से बेहतरीन योगदान करने वालों को चुनना बिल्कुल अलग बात है। जो काम किया जाए उसे साफ़ कह दिया जाए वर्ना ब्लॉग जगत कोई बच्चा तो है नहीं।
ब्लॉगर तो बड़ी चीज़ है यहां की तो पब्लिक तक के बारे में मशहूर है कि
’ये पब्लिक है सब जानती है‘
http://tobeabigblogger.blogspot.in/2012/05/blog-post.html
क्या कह सकते हैं सब सामने है सबके
आपकी पोस्ट 17/5/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
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