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    Thursday, November 4, 2010

    ये दीप पर्व आपके और आपके परिजनों के जीवन को खुशियों के प्रकाश से भर कर दे....

    dipawali
    • ये बनते बिगड़ते रिश्ते रिश्तों का बनना और बिगड़ना एक आम सी बात है. जब भी कोई नया रिश्ता बनता है तो बहुत ख़ुशी होती है और उनके बिगड़ने का दुःख  बहुत तकलीफ देता है, इसलिए इन रिश्तों को बनाने या बिगाड़ने के  पहले  हज़ार बार सोंचना चहिये वरना बाद मैं कहना पड़ता है, काश हमने ऐसा ना किया होता. रिश्ते भी दो प्रकार  के हुआ करते हैं, एक वोह जो हमारे जन्म के साथ खुद बन जाते हैं, जैसे, माता पिता, मामा, चची , भाई बहन इत्यादि , और दूसरे वोह रिश्ते जो उम्र के हर दौर मैं हम स्वम बनाते जाते…
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    5 comments:

    DIMPLE SHARMA said... November 4, 2010 at 10:48 PM

    बहुत अच्छा पोस्ट , दीपवाली की शुभकामनाये
    sparkindians.blogspot.com

    Anonymous said... November 5, 2010 at 1:06 AM

    thanx for coment. Happy deepawali.

    प्रेम सरोवर said... November 5, 2010 at 1:06 PM

    Bahut hi sundar post.Wish you happy Diwali.

    उपेन्द्र नाथ said... November 6, 2010 at 12:54 AM

    दीये की रौशनी, रंगोली की बहार, पटाखों की धूम और खुशियों की बहार , मुबारक हो आपको दीवाली का त्यौहार ....

    DR. ANWER JAMAL said... November 7, 2010 at 9:12 AM

    बिल्कुल सच फ़रमाया सय्यद साहब ।

    Item Reviewed: ये दीप पर्व आपके और आपके परिजनों के जीवन को खुशियों के प्रकाश से भर कर दे.... Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
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