728x90 AdSpace

  • Latest News

    Monday, October 11, 2010

    क़ुरआन रब की ख़ास इनायत का नाम है।

    क़ुराने मजीद

    क़ुरआन रब की ख़ास इनायत का नाम है।

    क़ुरआन नज़मो ज़बते शरीयत का नाम है।

    क़ुरआन एक ज़िंदा हक़ीक़त का नाम है।

    क़ुरआन ज़िंदगी की ज़रूरत का नाम है।

    क़ुरआन एक किताबे इलाही जहाँ में है।

    क़ुरआन के बग़ैर तबाही जहाँ में है।

    1. क़ुरआन किरदगार की रहमत का नाम है।

    क़ुरआन ज़ुल जलाल की अज़मत का नाम है।

    क़ुरआन अहलेबैते रिसालत का नाम है।

    क़ुरआन ही तो मक़सदे बेसत का नाम है।

    नाज़िल किया है इसको ख़ुदा-ए- जलील ने ।

    पहुँचाया है रसूल तलक जिबरईल ने।

    1. क़ुरआन अंबिया की कहानी का नाम है।

    क़ुरआन ला मकां की निशानी का नाम है।

    क़ुरआन दीने हक़ की रवानी का नाम है।

    क़ुरआन मुस्तफ़ा की जवानी का नाम है।

    क़ुरआं के इल्म की नही हद, बेपनाह है।

    क़ुरआन एक किताब नही, दर्सगाह है।

    1. क़ुरआन है नबी की नबूव्वत को मोजज़ा।

    क़ुरआन है रमूज़ की कसरत को मोजज़ा।

    क़ुरआन है ख़ुदा की सदाक़त को मोजज़ा।

    क़ुरआन आज भी है बलाग़त का मोजज़ा।

    ऐसी कोई किताब नही कायनात में।

    क़ुरआन का जवाब नही कायनात में।

    1. ताज़ीम इस किताब की हक़ के वली ने की।

    काबे में सबसे पहले नबी के वसी ने की।

    क़ब्ल अज़ नुज़ूल इसकी तिलावत अली ने की।

    तसदीक़ इस कलाम की मेरे नबी ने की।

    क़ुरआनो अहलेबैत का ये इत्तेसाल है।

    क़ुरआन हो अली के बिना ये मुहाल है।

    1. है ज़िक्र नूह का, कहीं आदम का तज़किरा।

    ईसा का ज़िक्र है, कहीं मरियम का तज़किरा।

    है जा बजा रसूले मुकर्रम का तज़किरा।

    और है कहीं पे ख़िलक़ते आलम का तज़किरा।   

    हिजरत का तज़किरा, कहीं ज़िक्रे ग़दीर है।

    है ज़िक्रे फ़ातिमा, कहीं ज़िक्रे अमीर है।

    1. क़ुरआन को गिरोह में बट कर न देखिये।

    लफ़ज़ो मआनी इसके उलट कर न देखिये।

    औराक़ इसके सिर्फ़ पलट कर न देखिये।

    कुरआं को अहले बैत से हट कर न देखिये।

    क़ुरआन दीने हक़ की ज़रूरत का नाम है।

    क़ुरआन अहलेबैत की सीरत का नाम है।

    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    Item Reviewed: क़ुरआन रब की ख़ास इनायत का नाम है। Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top