Home > Untagged मैदान इ जंग ( हक ओ बातिल का फैसला) मैदान इ जंग ( हक ओ बातिल का फैसला) कर्बला Sunday, July 04, 2010
4 comments:
Lovely pics !
Ek khoobsurat shehar ! Yahaan to sirf Aman aur sukoon hona chahiye !
Shubhkaannayein !
http://haqnama.blogspot.com/
काफ़िर हो तो शमसीर पे करता है भरोसा
मोमिन हो तो बे तेग़ भी लड़ता है सिपाही
अल्लामा इक़बाल
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काफ़िर हो तो शमसीर पे करता है भरोसा
मोमिन हो तो बे तेग़ भी लड़ता है सिपाही
अल्लामा इक़बाल
काफ़िर हो तो शमसीर पे करता है भरोसा
मोमिन हो तो बे तेग़ भी लड़ता है सिपाही
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