आज के नौजवानों कि बोलीं बदलती जा रही हैं. अब वोह विश्व स्तर पे सोंचता और वैसी ही बोली बोलता है. लेकिन कभी अपनी बोली को विश्व स्तर पे ले जाने कि बात नहीं सोंचता? .
आज का नौजवान, जब किसी कि सुन्दरता कि तारीफ करता है तो अति सुंदर, माशाल्लाह कि जगह कहता है, इट्स हॉट तो सेक्सी.
शायद आज हमारा नौजवान हीनता का शिकार होता जा रहा है.
3 comments:
कहीं न कहीं कुछ हीनता का भाव तो है...
समीर जी आपने सही कहा है?
अपनी संस्कृति और रिवाजों की कद्र अंग्रेजों की गुलामी में पीछे छूटती जा रही है और इसको तरक्की का नाम देकर ख्वाब दिखाए जा रहे हैं.
ज़रा यहाँ भी नज़र घुमाएं!
राष्ट्रमंडल खेल
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